रिवाज़ दुनिया के | Ghazal Rivaaz Duniya Ke

रिवाज़ दुनिया के | Ghazal Rivaaz Duniya Ke

रिवाज़ दुनिया के  ( Rivaaz Duniya Ke ) रिवाज़ दुनिया के इतने सुनों ख़राब नहीं शराब पीता है हर आदमी जनाब नहीं अभी तो दिल पे भी मेरे कोई अज़ाब नहीं । हुई क्या बात जो रुख पे रुका हिज़ाब नहीं । करूँ न ख़ार से मैं दोस्ती कभी यारो पिये मैं रहता हूँ हरदम…