विकास और बाजार | Vikas aur Bazaar
विकास और बाजार ( Vikas aur bazaar ) हमने मान लिया इंसान को भगवान और भगवान को पत्थर, पत्थर को रख कर लगा दिया बाजार और फिर शुरू हुआ विकास का क्रम, जमीने बिकने लगी औकात को देख कर लोग होने लगे बेघर सड़के चौड़ी होना शुरू हुई पेड़ कटने लगे उखड़ने लगे जड़…