शाबाश अनन्या | Anannya par kavita
शाबाश अनन्या ( Shabash Anannya ) ***** तुने हिम्मत दिखाई, खुद के लिए ‘राजधानी’ चलवाई। रेल प्रशासन को झुकाई, गया गोमो होते हुए ट्रेन रांची ले आई। तुम बहादुर हो, प्रेरणा हो; शेरनी हो । अकेली हो इतनी हिम्मत दिखाई! वरना 930 यात्रियों ने तो डाल्टेनगंज में ही ट्रेन ही छोड़ दी, आवाज उठाने की…