साथ क़िस्मत मेरा नहीं दें रही | Kismat par Ghazal
साथ क़िस्मत मेरा नहीं दें रही ( Sath kismat mera nahi de rahi ) साथ क़िस्मत मेरा नहीं दें रही जीस्त को खुशियां रस्ता नहीं दें रही देखता हूं राहें मैं जिसके प्यार की वो निगाहें इशारा नहीं दें रही कर रही है वो इंकार आंखें मुझे मिलनें को कोई वादा…