सूरज निकाल देता है | Ghazal Suraj Nikal Deta Hai

सूरज निकाल देता है | Ghazal Suraj Nikal Deta Hai

सूरज निकाल देता है ( Suraj Nikal Deta Hai )   बड़ी अजीब सी उलझन में डाल देता है मेरे सवाल को हँस हँस के टाल देता है हुनर को अपने वो ऐसा कमाल देता है नदी का दर्द समुंदर में डाल देता है करो न फ़िक्र कि हम भी उसी के बंदे हैं बड़ा…