हुई पस्त मैं

हुई पस्त मैं | Past Hui Main

हुई पस्त मैं ( Past Hui Main ) आज शोर कोई कहीं जरा नहीं करो, मेरे दिल में भयंकर तूफान आया है। देखो अतीत की प्रीत चादर उड़ गई, याद बनकर प्रेमिल मेहमान आया है। किया पहले-पहल निगाहों पर वार, दूसरा चातुर्य करता बात व्यवहार। धक-धक की आवाज निरंतर सुनती, जब-जब होती आँखों से आँखें…