हुस्न भरी वो गुल आंखें है | Aankhen Shayari
हुस्न भरी वो गुल आंखें है ( Husn bhari wo gul aankhen hai ) हुस्न भरी वो गुल आंखें है ? उल्फ़त से महकी सांसें है जो क़िस्मत में न लिखा मेरी उसके ही आते सपनें है रब देख मिला दे उससे अब आती रोज़ बहुत यादें है दीदार करुं…