Aaya Budhapa

आया बुढ़ापा ले मनमानी | Aaya Budhapa

आया बुढ़ापा ले मनमानी ( Aaya budhapa le manmani )    बचपन बीता गई जवानी आया बुढ़ापा ले मनमानी। ना रही वो चुस्ती फुर्ती सारी बीती बातें हुई कहानी। मंद पड़ी नैनों की ज्योति श्वेत केश जर्जर हुई काया। बच्चे बड़े हुए पढ़ लिखके सबको घेर चुकी है माया। अकेले अकेले कोने में बैठा काशीराम…