आयी देखो फुहार सावन की

आयी देखो फुहार सावन की | Aazam Poetry

आयी देखो फुहार सावन की ( Aayi dekho phuhaar sawan ki )     आयी देखो फुहार सावन की ! खिल रही है बहार सावन की   बूंदों में सरगम उल्फ़त की ऐसी दिल करे  बेक़रार सावन की   प्यास तन की जाने बुझेगी कब कर रहा  इंतिजार सावन की   गीत गाये ग़ज़ल यादों…