दो दोहे | Aazam ke Dohe
दो दोहे ( Do dohe ) रख दिल में तू अहिंसा, दुश्मन से मत हार ॥ लड़ दुश्मन से तू सदा, बनकर बिन तलवार ॥ छोड़ो नफ़रत फ़ूल बन , कर मत बातें खार ॥ कर ले सबसे दोस्त तू, दिल से अपने प्यार॥ शायर: आज़म नैय्यर (सहारनपुर ) यह भी पढ़ें : –…
दो दोहे ( Do dohe ) रख दिल में तू अहिंसा, दुश्मन से मत हार ॥ लड़ दुश्मन से तू सदा, बनकर बिन तलवार ॥ छोड़ो नफ़रत फ़ूल बन , कर मत बातें खार ॥ कर ले सबसे दोस्त तू, दिल से अपने प्यार॥ शायर: आज़म नैय्यर (सहारनपुर ) यह भी पढ़ें : –…