Aazam ke dohe
Aazam ke dohe

दो दोहे

( Do dohe )

 

रख दिल में  तू अहिंसा,
दुश्मन से मत हार ॥
लड़ दुश्मन से  तू सदा,
बनकर बिन तलवार ॥

 

छोड़ो नफ़रत फ़ूल बन ,
कर मत बातें खार ॥
कर ले सबसे दोस्त तू,
दिल से अपने प्यार॥

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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