Aazam ke dohe
दो दोहे
( Do dohe )
रख दिल में तू अहिंसा,
दुश्मन से मत हार ॥
लड़ दुश्मन से तू सदा,
बनकर बिन तलवार ॥
छोड़ो नफ़रत फ़ूल बन ,
कर मत बातें खार ॥
कर ले सबसे दोस्त तू,
दिल से अपने प्यार॥
(सहारनपुर )
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