अब भी | Ab Bhi
अब भी ( Ab Bhi ) ज्यादा कुछ नही बिगड़ा है अभी संभलना चाहोगे तो संभल जाओगे कौन नही गिरा है अभी यहां पर उबारना चाहोगे तो उबर जाओगे… दिखती हो बंजर भले कोई धरती बूंदों के आगमन से छा जाती हरियाली आया हो भले ये मौसम पतझड़ का ठानते ही आएगी फिर खुश…