अब की बरसात | Ab ki Barsaat
अब की …. बरसात ( Ab ki …. Barsaat ) सुना शहर तेरे में जम के कुछ यूं बरसात हुई मेरे आने से तेरे दिल की ज़मीं क्यों सहरा ना हुई जलन कुछ इस तरह की ले आया था सीने में मैं पत्थर मोम से पिघले मगर क्यों चश्म ए नम ना हुई…
अब की …. बरसात ( Ab ki …. Barsaat ) सुना शहर तेरे में जम के कुछ यूं बरसात हुई मेरे आने से तेरे दिल की ज़मीं क्यों सहरा ना हुई जलन कुछ इस तरह की ले आया था सीने में मैं पत्थर मोम से पिघले मगर क्यों चश्म ए नम ना हुई…