अहंकार | Ahankaar par kavita
अहंकार ( Ahankaar ) किस बात का गुरूर,क्यों नर मगरूर तू। क्या तुमने कर दिया, क्यों नशे में चूर तू। गर्व ही करना कर, वतन की शान पर। बोल मीठे बोल प्यारे, हो जा मशहूर तू। मत कर अभिमान, नशे में होकर चूर। चंद सांसों का खेल है, जी ले भरपूर तू। हम हैं…