अहंकार
( Ahankaar )
किस बात का गुरूर,क्यों नर मगरूर तू।
क्या तुमने कर दिया, क्यों नशे में चूर तू।
गर्व ही करना कर, वतन की शान पर।
बोल मीठे बोल प्यारे, हो जा मशहूर तू।
मत कर अभिमान, नशे में होकर चूर।
चंद सांसों का खेल है, जी ले भरपूर तू।
हम हैं कठपुतली, बाजीगर भी और है।
प्यार के मोती लुटाता, जा जग में नूर तू।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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