Aman

अम्न | Aman

अम्न ( Aman ) नज़्म आए दिन जंग का बाजार सजाया जा रहा है, सच्चाई कुछ और है कुछ और बताया जा रहा है। होती मुलाकात दुनियावालों की अम्न के लिए, मगर रोज नया ज्वालामुखी धधकाया जा रहा है। देखिये, जंग से अम्न के रास्ते तो खुलते नहीं, कितनों को रोज मौत की नींद सुलाया…