अपनी हस्ती ही मिटा दी हमने | Apni Hasti
अपनी हस्ती ही मिटा दी हमने अपनी हस्ती ही मिटा दी हमनेअपने दुश्मन को दुआ दी हमने क्या सज़ा मुझको खुदा कल देगाआज जो ज़ीस्त सजा ली हमने। अपने यारो पे भरोसा करकेअपनी दुनिया ही मिटा दी हमने कोई वादा नही था मिलने काआँख राहों में बिछा दी हमने हाथ अपने ही उठाकर रब सेतेरी…