अपराध बोध | Apradh Bodh
अपराध बोध ( Apradh bodh ) अपनी आत्मा पर कोई बोझ न कभी रखना | किसी का दिल तुम्हारी वजह से दु:खे, ऐसा कोई काम न कभी करना | कोई इंसान पत्थर दिल न होता यहाँ | इस बात से इंकार न कभी करना | मंजू की लेखनी का है यही कहना | बहुत…
अपराध बोध ( Apradh bodh ) अपनी आत्मा पर कोई बोझ न कभी रखना | किसी का दिल तुम्हारी वजह से दु:खे, ऐसा कोई काम न कभी करना | कोई इंसान पत्थर दिल न होता यहाँ | इस बात से इंकार न कभी करना | मंजू की लेखनी का है यही कहना | बहुत…