भाई में फौजी बणग्यो
भाई में फौजी बणग्यो छोड़ गाॅंवा की खेती-बाड़ी भाई में फ़ौजी बणग्यो, मूॅंछ मरोड़ कर निकलूं हूॅं भाई में नौकरी लागग्यो। गैंती फावड़ों और खुवाडयों चलाबो अब भूलग्यो, सीमा पर करुं रखवाली बन्दूक चलाबो सीखग्यो।। कलतक कोई न पूछतो अब रुतबो म्हारो बढ़ग्यो, आबा लागी घणी-सगाईया आज में भी परणग्यो। जनटर मनटर बणर आउॅंला…