Bhay

भय | Bhay

भय ( Bhay )   उथले पानी में तैरे तैरे फिर भी डर कर तैरे पास पड़ी रेत मिली पैरों के धूमिल चिन्ह मिले लहर पानी की जो आई उन चिन्हों को मिटा गई भय के मोहपास के कारण मोती की आशा मिलने की खाली मेरे हाथ रहे कुएं में रहने वाला मेंढक खुद को…