कोरोना काल का पक्ष एक और | Kavita
कोरोना काल का पक्ष एक और! ( Corona Kal Ka Pach Ek Or ) जरा सोचें समझें कैसा है यह दौर? भविष्य हमारा किधर जा रहा है? देखो कोई चांद पर मंगल पर बस्तियां- बसा रहा है! उधर हम देख सोच भी नहीं पा रहे हैं हम अनजाने डर से डरे जा रहे हैं…