ये क्या अजब दास्तां बन गई | Dastan shayari
ये क्या अजब दास्तां बन गई ( Ye kya ajab dastan ban gayi ) ये क्या अजब दास्तान बन गई , खव्वाहिशे उसकी मेरे अरमान बन गई I जिन राहो से गुजर गये वो कभी , वो मेरी मंजिलों की निशान बन गई I दर्द के आगोश में तमन्नाओ की शाम ,…