Dhadkan

धड़कन तब राग सुनाती है | Dhadkan

धड़कन तब राग सुनाती है ( Dhadkan tab raag sunati hai )    जो जितना तन्हा होता, वो उतना ही मीठा गाता है। भावों का सिंधु उमड़ता, मन स्वर संगीत लुभाता है। तन्हा तन्हा हो मन की लहरें, मधुर मधुर मुस्काती है। अधरों पे जो तान मिल जाये, गीतों में ढल जाती है। धड़कन तब…