मुक्तक : कल एक फूल इसी घुटन में मर गया
कल एक फूल इसी घुटन में मर गया ( Kal ek phool isi ghutan mein mar gaya ) कल इक फूल इसी घुटन में मर गया, कि उसका भँवरा उससे रूठ गया, वो मरकर यही शिकायत करता रहा.. कि मेरा मुकद्दर ही मुझसे रूठ गया । सम्मुख शिकायत करूं तो हिदायत है, पीठ…