Dhoka Shayari Hindi

अज़ब धोखा हुआ | Dhoka Shayari Hindi

अज़ब धोखा हुआ ( Ajab dhoka hua )    कल, बुलंदी की तलब में रूह का सौदा हुआ ज़िन्दगी भारी हुई देखो अज़ब धोखा हुआ ॥   राह-ए-उल्फ़त में चले नीयत सदाक़त अर्श पर फिर तभी रुसवाइयों का भी उन्हें ख़द्शा हुआ  ॥   बढ़ रहे बेगार, मुफ्लिश सर- जमीं मक्तल हुई हिल गया रब,…