धोखा | Dhokha kavita
धोखा ( Dhokha ) दे गये धोखा मुझे वो, बीच राह में छोड़कर। प्रीत का रस्ता दिखा, चले गए मुंह मोड़कर। महकती वादियां सारी, फूल भी सारे शर्माने लगे। उनकी बेरुखी को हमें, अक्सर यूं बतलाने लगे। मन में उठती लहरें सारी, अब हो चली उदास सी। कल तक वो बातें मीठी,…