दोहा दशक | Doha Dashak
दोहा दशक ( Doha Dashak ) फिर चुनावी मौसम में, बारूदी है गंध। खबरों का फिर हो गया,मजहब से अनुबंध। अपनों से है दूरियां,उलझे हैं संबंध। भावों से आने लगी,कड़वाहट की गंध। ढूंढ़ रहे हैं आप जो,सुख का इक आधार। समझौता हालात से, करिए बारंबार। उसका ही संसार में,है जीवन अति…