Eid Ghazal

Eid Ghazal | ईद पर ग़ज़ल

ईद पर ग़ज़ल ( Eid Par Ghazal )   लिए पैगाम खुशियों का मुबारक ईद आती है। भुलाकर वैर आपस के हमें जीना सिखाती है।।   खुदा के है सभी बंदे भले मजहब कोई भी हो। करो दीदार चंदा का दिलों का तम हटाती है।।   नहीं  कोई  पराया  है  बढ़ाके  हाथ  तो  देखो। गले…