एक दिन और | Ek Din Aur

एक दिन और | Ek Din Aur

एक दिन और ( Ek din aur )   मध्यान्ह जिस वक़्त थोड़ी देर के लिए रुक – सा जाता है, उस वक़्त धूम भी रुकती-सी जान पड़ती है । जब उस पार का अरण्य गहरा हरा हो उठता है, और मैं अपने कामों की गिनती करते-करते जब अपना सिर ऊपर उठाती हूँ— मन्दार अपनी…