गम को छुपाना आ गया | Gam wala Shayari
गम को छुपाना आ गया ( Gam ko chupana aa gaya ) थोड़ी हुई मुश्किल मगर ग़म को छुपाना आ गया रुख़ पे नया रुख़ आजकल हमको लगाना आ गया। उनको नहीं परवाह कुछ ये जानते हैं हम मगर अब लातअल्लुक हम भी हैं उनसे जताना आ गया। जिनको नहीं इल्मो अदब मालूम है…