बाजार | Geet bazaar
बाजार ( Bazaar ) नफरत का बाजार गर्म है स्वार्थ की चलती आंधी। निर्धन का रखवाला राम धनवानों की होती चांदी। बिक रहे बाजार में दूल्हे मोटर कार बंगलो वाले। मांगे उंचे ओहदे वालों की संस्कार जंगलों वाले। आओ आओ जोत जलाओ कलम का जो धर्म है। नफरत का बाजार गर्म है -2 …