गीतों की गगरी | Geeton ki Gagari
गीतों की गगरी ( Geeton ki Gagari ) गीतों की गगरी छलका कर,सर्वत्र सुधा बरसाता हूँ। अपने अधरों पर प्यास लिये, औरों की प्यास बुझाता हूँ।। मैं सोम-सुधा पीने वाला ,खाली है मेरा घट-प्याला । सजती रहती है नयनों में ,मेरे सपनों की मधुशाला । साँसों की तालों पर छेडूँ ,मधुरिम गीतों की स्वर माला…