चाहने वाले कितने | Ghazal Chahane Wale
चाहने वाले कितने ( Chahane Wale Kitne ) रिन्दो से पूछो न पत्थर हैं उछाले कितने मत गिनो टूटे हैं मय के यहाँ प्याले कितने जोर तूफ़ान का तो शोर कभी लहरों का सीने में ग़म के समंदर है सँभाले कितने कौन सुनता है ग़रीबों की यहाँ पर देखो नज़रें डालो ज़रा पैरों में हैं…