Door Jub Se Khoosi Ke Saye Ho Gaye

Ghazal | दुर जब से ख़ुशी के साये हो गये

दुर जब से ख़ुशी के साये हो गये ( Door Jub Se Khoosi Ke Saye Ho Gaye )   दुर जब से ख़ुशी के साये हो गये! जख़्म दिल में ग़म के गहरे हो गये   कौन सच्ची  वफ़ायें निभाता है अब देखिए  अब  दिलों में धोखे हो गये   आंख भरके वफ़ा की नहीं…