Ghazal e ishq

फूल सा इक शख़्स मुझको चाहता है | Ghazal-e-ishq

फूल सा इक शख़्स मुझको चाहता है ( Phool sa ik shakhs mujhko chahta hai )     फूल सा इक शख़्स मुझको चाहता है पर किसी पत्थर से मेरा दिल लगा है   हिज्र उसका मुझको दीमक की तरह से दिन ब दिन अन्दर ही अन्दर खा रहा है   हो गया है मुझमें…