हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

Ghazal | हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ( Har koi magar dil se ashraf nahi hota )   हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ए  यारों  कभी  सच का इंसाफ नहीं होता   तू  बात  जरा  करना  ए  यार  संभलके  ही देखो हर किसी का ही दिल साफ़ नहीं होता   तो …