खो गया कहीं | Ghazal kho gaya kahin
खो गया कहीं ( Kho gaya kahin ) खो गया कहीं खुशियों का ही रास्ता मेरा जीस्त का सफ़र ये कुछ ऐसा कटा मेरा कर यकीन मैं तुझसे ही वफ़ा निभाऊंगा दिल कभी न होगा ये यार बेवफ़ा मेरा जंग जीत लूंगा मैं तो कभी मुहब्बत की दिल का ही कभी टूटेगा…