मुंतज़िर रहता खुशी को | Ghazal Muntazir Rahta

मुंतज़िर रहता खुशी को | Ghazal Muntazir Rahta

मुंतज़िर रहता खुशी को ( Muntazir Rahta ) मुंतज़िर रहता खुशी को मन बहुत कट रहा है गम भरा जीवन बहुत प्यार की खुशबू से मैं वीरान हूँ है कहीं उल्फ़त भरा गुलशन बहुत एक मैं हूँ प्यार से भीगा नहीं प्यार का बरसा कहीं सावन बहुत जिंदगी में भेज दे कोई हसीं जिंदगी में…