सियासत के इस दौर में तो पलटूओं की भीड़ है
सियासत के इस दौर में तो पलटूओं की भीड़ है कैसे मेरा दिल कह दे कि जंगजूओं की भीड़ है, सियासत के इस दौर में तो पलटूओं की भीड़ है। घुट रहा है दम सभी का, नफ़रतों के धुएं में, कह रहा है राजा फिर भी, खुशबूओं की भीड़ है। एक बाज़ीगर जो आ…