रात दिन आंखों में ही नमी ख़ूब है

रात दिन आंखों में ही नमी ख़ूब है | Ghazal

रात दिन आंखों में ही नमी ख़ूब है ( Raat din aankhon mein hi nami khoob hai )     रात दिन आँखों में ही नमी ख़ूब है यादों की चोट दिल पे लगी ख़ूब है   ए ख़ुदा कर दें ऐसी बरसी बुझ जाये प्यार की प्यास दिल को लगी ख़ूब है   दूर…