याद की दिल में किसी की रोज़ ख़लिश है बहुत | Ghazal yaad ki
याद की दिल में किसी की रोज़ ख़लिश है बहुत! ( Yaad ki dil mein kisi ki roz khalish hai bahut ) याद की दिल में किसी की रोज़ ख़लिश है बहुत! रोज़ जिसको ही भुलाने की की कोशिश है बहुत वो बनेगा ही नहीं मेरा हक़ीक़त में कभी उठ रही दिल…