Gulshan mein kali jawan hui hai

गुलशन में कली जवां हुई है | Ghazal

गुलशन में कली जवां हुई है ( Gulshan mein kali jawan hui hai )     गुलशन में कली जवां हुई है ख़ुशबू अब रवां यहां हुआ है   सबके कल मकां बहे यहां तो बरसात  बहुत  यहां  हुई  है   दूँ फ़ूल  तुझे कहां से लाकर फ़ूलों की सभी ख़िज़ां हुई है   नफ़रत…

Gulshan shayari

गुलशन में ही शबनम ए दौर नहीं है | Gulshan shayari

गुलशन में ही शबनम ए दौर नहीं है ( Gulshan mein hi shabnam e daur nahin hai )     गुलशन में  ही शबनम ए  दौर नहीं है शाखों पर ही फूल खिला और नहीं है   महंगाई में  दाल ख़रीदे क्या आटा आया अच्छा ही यारों दौर नहीं है   छोड़ फ़कीर है मांगे …