गुरु शिष्य का भाग्य संवारते | Kavita
गुरु शिष्य का भाग्य संवारते ( Guru shishya ka bhagya sanwarte ) किस्मत का ताला खुल जाता, गुरु शिष्य का भाग्य विधाता। ज्ञान ज्योति जगा घट घट में, अंतर्मन उजियारा लाता। शिल्पकार मानव निर्माता, शत शत वंदन हे गुण दाता। बुरे मार्ग से हमें बचाओ, प्रगति का मार्ग दिखलाओ। गढ़कर नित नये…