खाकी | Hindi poem on khaki
खाकी ( Khaki ) विजयी विश्व तिरंगा प्यारा घर-घर पर लहराएंगे, आन बान शान यही है इस के लिए मिट जाएंगे। सादा जीवन एवं उच्च-विचार खाकी अपनाएंगे, जीवन चाहें चार दिन का ऐसी पहचान बनाएंगे।। गांव-शहर, समाज का नाम ऊंचा कर दिखाएंगे, आफिसर्स भले हम नही पर बच्चों को बनाएंगे। आये है इसी…