वो मजदूर है | Mazdoor kavita
वो मजदूर है ( Wo mazdoor hai : Kavita ) अरे! वो मजदूर हैं इसीलिये तो वो मजबूर हैं उनकी मजबूरी किसी ने न जानी मीलों का सफर तय किया पीकर पानी। पांव में जूते नही छाले पड़ गए थे भारी अमीरो को तो लेने जहाज गए विदेश, उनके लिये तो बसों के भी…