Holi par Kavita in Hindi

रंगो का त्यौहार | Holi par Kavita in Hindi

रंगो का त्यौहार ( Rango ka tyohar )    लो आया फिर रंगो का त्यौहार, गीत खुशी के सब गावो मल्हार। पक्के रंगों से होली नहीं खेलना, गुलाल लगाकर मनाना त्यौहार।। अब ना रहा पहले जैसा हुड़-दंग, हंसी और मजाक सहने का दम। अब नहीं बजाते कोई ढोल चंग, लगे है सब इन मोबाइलों मे…

होली

होली त्यौहार | Holi par Kavita in Hindi

होली ( Holi )   होली में केवल रंग है अब प्रेम न उमंग है   !! नशा है न मस्ती रंगो से खाली बस्ती बस पसरा है सन्नाटा कहीं न हुड़दंग है …….   होली में केवल…….     बजता नहीं अब गाना मौसम नहीं फगुआना बुढ़वा में नहीं हलचल    बच्चों में न तरंग…