ईमान चाहिए | Iman Chahiye
ईमान चाहिए! ( Iman chahiye ) रहने के लिए सबको मकान चाहिए, रोजी – रोटी के लिए दुकान चाहिए। फिसड्डी बनके घर में बैठना ठीक नहीं, तन मन को भी थोड़ी थकान चाहिए। तलवा चाटते रहना ये ठीक भी नहीं, सच पूछिए शिक्षा की उड़ान चाहिए। एक दिन हमारी साँसों का होगा हिसाब, साक्षी…