Insaniyat ki Raah Par

इंसानियत की राह पर | Insaniyat ki Raah Par

इंसानियत की राह पर ( Insaniyat ki Raah Par )   इंसानियत की राह पर इंसान जब चलने लगेगा ! हृदय में तम से घिरा जो नूर है स्वयं ही दिखने लगेगा!! मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चर्च में तुमको नहीं दिख पाएगा! दीन दुखी निबलों विकलों की सेवा में वो मिल जाएगा !! मंत्र, जप- तप,…