Kab aaoge poem in Hindi

कब आओगे | Kab aaoge poem in Hindi

कब आओगे ( Kab aaoge )   वृन्दावन जस धाम जहाँ पर, जमुना जी का घाट। वहाँ  पे  राधा  देखे  आस , साँवरे  कब आओगे॥ …. शाम  से  हो गई  रात,  मुरलिया  की  ना  छेडी तान। विकल हो राधा ढूँढे आज, श्याम तुम कब आओगे॥ …. नयना  सिन्धु  समान ,  छलकता  आँखो  से  है  प्यार।…