अणु से संपूर्ण | Kavita Anu se Sampurn
अणु से संपूर्ण ( Anu se Sampurn ) तू बूंद से कर प्रयाण सागर का सागर भी मिल जाता महासागर में हो मुक्त आवागमन के बंधन चक्र से ब्यर्थ है मोह इस झूठे संसार से अणु कण से हि बना यह रूप मनोहर तब अणु श्रोत की छवि होगी कैसी मिल जाना ही है…